मंगलवार, 11 अक्तूबर 2016

गोरक्षक लोक देवता वीर बिग्गा जी का मेला 13 अक्टूम्बर को


"आप सभी सपरिवार मेले में सादर आमंत्रित है"
रूघपत कुळ में ऊपन्यौ, भागीरथ वंस मांय।
मामा गोदारा भीम-सा नानौज चूहड़ नांव।।
माता देवी सुलतानवी, मेंहद पिता कौ नांव।
रिड़ीज गढ रौ पाटवी, परण्यौ मालां रै गांव।।
जरणी जायो अेकलौ, चढ्यौ गउवां घेरण लार।
कांकड़ कोस पैंतीस पर, जा पूग्यौ भड़ वार।।
मगर पचीसां हुवौ मोटियार।
सासरै जाय, चढ़या गउवां कै लार।।
छोटकी दाईं बजाई थैं वार।
हुवौ कुळ देव बडौ जूंझार।।
हुवौ न को होसी इसौ कोई जाट।
बुवौ न को बैसी लखावट वाट।।
कंचन सेती देवळी, सब जुग लेसी नांव।
रिड़वी गढ रौ पाटवी, कियौ बिगै नै धांम।।
                                                                              

-अत्यन्त हर्ष और उल्लास के साथ सूचित किया जाता है कि लोक देवता वीर बिग्गाजी का दो दिवसिय मेला 13अक्टूम्बर से जन्म स्थान व शीश देवली धाम रीड़ी एवं धड़ देवली धाम श्री बिग्गा में आयोजित होगा . इस दौरान विशाल रात्री जागरण दिनांक 13 अक्टुम्बर की शाम को तथा भव्य मेला 14 अक्टुम्बर को आयोजित होगा , जिसमें आप सभी सादर आमन्त्रित है I
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निवेदक :- श्री वीर बिग्गाजी मानव सेवा संस्थान (रजि.)
वीर बिग्गाजी का मन्दिर ग्राम-श्री बिग्गा ,तह.-श्री डूँगरगढ (बीकानेर)

पुलिस की ओर से हर साल चढ़ायी जाती है अलोद के वीर तेजाजी मेले में ध्वजा


बूंदी जिले की दबलाना थाना पुलिस हर साल अलोद के पशु मेले में तेजाजी को ध्वजा चढ़ाती है।पिछले करीब चालीस साल से यह परम्परा नियमित जारी है।
अलोद में पशु मेले की शुरुआत के मौके पर दबलाना थाना पुलिस की ओर से तेजाजी को गाजे-बाजे के साथ ध्वजा चढ़ाई जाती हैं । 
सुबह वीर तेजाजी अलोद मेले के लिए ध्वजा को पूजा अर्चना होने के बाद डीजे के साथ रवाना किया जाता हैं ।
मंदिर निर्माण रोका तो छाती पर आ बैठे
ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1976 में अलोद में तेजाजी का मंदिर बनाया जा रहा था। इसका गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया।
उन लोगों की ओर से दबलाना थाने में रिपोर्ट आई। जिस पर पुलिस ने मंदिर का काम बंद करा दिया।
दूसरे दिन रात को जब थानेदार सो रहे थे, उसी समय तेजाजी नाग के रूप में आकर थानेदार के ऊपर बैठ गए। दूसरे दिन थाने के चारों तरफ नाग ही नाग हो गए। ऐसा दो दिनों तक चला। इसके बाद थानेदार ने खुद अलोद जाकर तेजाजी का मंदिर बनवाया और सर्वप्रथम पुलिस थाने की तरफ से मंदिर में ध्वजा चढाई।
वे मंदिर से यह प्रण लेकर आए कि अब हर वर्ष सर्वप्रथम थाने की तरफ से ध्वजा चढ़ेगी। उस दिन के बाद से हर वर्ष सर्वप्रथम थाने की ध्वजा तेजाजी को चढाई जाती हैं।


तोड़ी परम्परा तो नागों ने थाने को घेरा
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 1996-97 में थानेदार ने ध्वजा नहीं चढ़ाई थी। उस समय भी थाने के चारों तरफ नाग ही नाग हो गए थे। दूसरे दिन थानेदार ध्वजा लेकर खुद पैदल गए और तेजाजी को धोक लगाकर माफी मांगी। मान्यता है कि हर वर्ष ध्वजा चढाने से तेजाजी थाने व पुलिसकर्मियों की रक्षा करते हैं।

लोक देवता गो रक्षक वीर बिग्गा जी का मेला 13 अक्टूम्बर से


बीकानेर - लोक देवता वीर बिग्गा जी का दो दिवसीय मेला शीश देवली धाम रीड़ी व धड़ देवली धाम श्री बिग्गा में 13 व 14 अक्टूम्बर को आयोजित होगा l शीश देवली धाम रीड़ी में वीर बिग्गा जी नव युवक मंडल व धड़ देवली धाम श्री बिग्गा में वीर बिग्गा जी मानव सेवा संस्थान के कार्यकर्ता मेले की तैयारियां में लगे हुए हैं l श्रद्धालुओं का आवागमन शुरु हो चुका हैं l मेले में आने वाले जातरूओं के लिए निःशुल्क चिकित्सा सेवा का केम्प लगाया गया हैं l