मंगलवार, 11 अक्तूबर 2016

पुलिस की ओर से हर साल चढ़ायी जाती है अलोद के वीर तेजाजी मेले में ध्वजा


बूंदी जिले की दबलाना थाना पुलिस हर साल अलोद के पशु मेले में तेजाजी को ध्वजा चढ़ाती है।पिछले करीब चालीस साल से यह परम्परा नियमित जारी है।
अलोद में पशु मेले की शुरुआत के मौके पर दबलाना थाना पुलिस की ओर से तेजाजी को गाजे-बाजे के साथ ध्वजा चढ़ाई जाती हैं । 
सुबह वीर तेजाजी अलोद मेले के लिए ध्वजा को पूजा अर्चना होने के बाद डीजे के साथ रवाना किया जाता हैं ।
मंदिर निर्माण रोका तो छाती पर आ बैठे
ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1976 में अलोद में तेजाजी का मंदिर बनाया जा रहा था। इसका गांव के कुछ लोगों ने विरोध किया।
उन लोगों की ओर से दबलाना थाने में रिपोर्ट आई। जिस पर पुलिस ने मंदिर का काम बंद करा दिया।
दूसरे दिन रात को जब थानेदार सो रहे थे, उसी समय तेजाजी नाग के रूप में आकर थानेदार के ऊपर बैठ गए। दूसरे दिन थाने के चारों तरफ नाग ही नाग हो गए। ऐसा दो दिनों तक चला। इसके बाद थानेदार ने खुद अलोद जाकर तेजाजी का मंदिर बनवाया और सर्वप्रथम पुलिस थाने की तरफ से मंदिर में ध्वजा चढाई।
वे मंदिर से यह प्रण लेकर आए कि अब हर वर्ष सर्वप्रथम थाने की तरफ से ध्वजा चढ़ेगी। उस दिन के बाद से हर वर्ष सर्वप्रथम थाने की ध्वजा तेजाजी को चढाई जाती हैं।


तोड़ी परम्परा तो नागों ने थाने को घेरा
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 1996-97 में थानेदार ने ध्वजा नहीं चढ़ाई थी। उस समय भी थाने के चारों तरफ नाग ही नाग हो गए थे। दूसरे दिन थानेदार ध्वजा लेकर खुद पैदल गए और तेजाजी को धोक लगाकर माफी मांगी। मान्यता है कि हर वर्ष ध्वजा चढाने से तेजाजी थाने व पुलिसकर्मियों की रक्षा करते हैं।

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