रविवार, 18 अगस्त 2013

धन्ऩाजी भगत

बंधुओँ धन्ऩा भगतजी ईश्वर भक्ति की एक
अनुपम मिशाल थे। कहते है उनका खेत स्वँय
भगवान ने जौता था। उनके बारे मेँ विस्तृत
जानकारी तो उपलब्ध नहीँ हो पायी। मगर
जितना हो सके बता रहा हुँ।
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जन्म -बैशाख सुदी तीज 1472
जन्मस्थान- धुवनकलां गाँव, टोँक
गौत्र- हरछतवाल जाट
पिताजी- रामेश्वरजी
माता- गंगाबाई
ननिहाल गौत्र- गढवाल जाट
ससुराल गौत्र- कैरु जाट
गुरु- रामानंद जी
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धना भगत रामानंद जी के शिष्य थे जिन्होने
वैष्णव धर्म का प्रतिपादन किया। धना भगतजी ने
धनावंशी वैष्णव(स्वामी) पंथ चलाया। जिसके
अधिकांश अनुयायी जाट थे।और
धनावंशी स्वामी समाज की गौत्रेँ भी जाट
गौत्रोँ के समान ही है।
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"धन्ऩा जाट को हरी सुँ हेत,
बिना बीज के निपज्या खेत"
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धन्य हो धन्ऩाजी भगत

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