गुरुवार, 14 मार्च 2013

दहकते अंगारों पर नाचते हैं बाबा

अंधविश्वास जब हद से गुजर जाए तो आस्था का रूप और रंग बदल जाता है.
आस्था कभी अग्पिथ दिखाई देने लगती है तो कभी आस्था में अंगारे दिखाई देने लगते है.भक्ति का ऐसा हैरतअंगेज नज़ारा देखकर आपको भी अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होगा.ये भक्त बेधड़क येदहकते अंगारों पर नाचते जाते हैं.वहां बज रहासंगीत का शोर इनका जोश और बढ़ा देता है.
बीकानेर से करीब 45 किलोमीटर दूर गांव कतरियासर में लगता है सिद्ध नाथ सम्प्रदाय के लोगों का मेला ये गांव नहीं तपोभूमि है इनसिद्धों के गुरु के जननाथजी महाराज की.
कहते हैं कि बाबा जसनाथ जी महाराज के विशेष पुजारियों को एक आर्शीवाद हासिल है जिसके चलते इन साधुओं के पांव आग पर नाचने से जलते नहीं है.
भक्त ही नहीं सारा गांव आस्था के इस अनोखे रूप में गहरा विश्वास रखता है लोग तो यहां तककहते है कि बाबा के साधु ना सिर्फ आग पर नाचते है. जलते अंगारों को निगल भी जाते हैं.
हर साल यहां इस विशेष अग्नि नृत्य का आयोजन किया जाता है.लकड़ियों को जलाकर अंगारे बनाए जाते हैं और फिर उन अंगारों पर बाबा के भक्त नृत्य करते हैं.

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