गुरुवार, 12 सितंबर 2013

जाट की पहचान लेखक - सव0 स्वामी शिवराम, जावरौ ग्राम

जाट की नसल की असल
पहिचान यही,
सुंदर शरीर,
ह्रष्ट-पुष्ट डील
जाकौ है।
दाता और सूर होय, बल
भरपूर होय,
जाति पर गरुर होय,
धीर वीर बांकौ है ।।
सायर सपूत होय, दिल
मजबूत होय,
ताकत अकूत होय,
युद्ध में
अदाकौ है ।
वीर वर बांका होय,
काल की न शंका होय,
जवान ऐसे ढंग
का होय, जाट नाम
जाकौ है ।।
लोक वेद रीति जाने,
धर्म, कर्म
नीति जाने,
प्रेम भाव
प्रीति जाने,
कीरति बखानिये ।
पर उपकारी होय, धीर
व्रतधारी होय,
वीर कर्मचारी होय,
दया हिय आनिये ।।
धर्म ते टरे न कभी,
युद्ध ते डरे न
कभी ।
कहिके फिरे न कभी,
लाभ चाहे हानिये,
देश को हितेशी होय,
भावना स्वदेशी होय,
जाकी रूचि ऐसी होय,
जाट ताहि जानिये ।।

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